जिलाधिकारी सोनिका पहुंची आपदा प्रभावित इलाकों में,कई मील पैदल चलकर अतिवृष्टि से हुए नुकसान का किया आंकलन
देहरादून जनपद–22 अगस्त गत रात्रि को जनपद के विकासखण्ड रायपुर अन्तर्गत मालदेवता, सेरकी गांव तथा सिरलवालगढ में अतिवृष्टि से हुई क्षति की सूचना मिलते ही जिलाधिकारी सोनिका आज प्रातः ही प्रभावित क्षेत्र मालदेवता एवं सेरकी गावं पंहुची जहां उन्होंने अतिवृष्टि से हुई क्षति का मुआवना करते हुए उपस्थित ग्रामीण से उनका हॉलचाल जाना। साथ ही ग्रामीणों एवं सम्बन्धित अधिकारियों के साथ मौका मुआवना करते हुए गांव के उपरी छोर पंहुचे जहां पर सिंचाई विभाग द्वारा निर्मित चैकडॉम पंहुचे। उक्त स्थल से वर्षा के पानी का तेज बहाव के साथ मलबा लेकर सड़क एवं ह्यूम पाईप लाईन को क्षतिग्रस्त पंहुचाते हुए मुख्य मार्ग तक पंहुचे।
जिलाधिकारी ने निरीक्षण के दौरान उपस्थित उप जिलाधिकारी सदर, तहसीलदार को निर्देशित किया कि क्षति का मुआवना करते हुए आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करेंगे, जबकि सिंचाई विभाग एवं सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित किया कि सड़क से मलबे की सफाई करते हुए पानी की निकासी करना सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने कड़ी निर्देश देते हुए कहा कि आबादी क्षेत्र में पानी एवं मलबे से नुकसान न हो इस बात को गंभीरता से लेना सुनिश्चित करेंगे। वहीं प्रभावित क्षेत्र में संभावित वर्षा को लेकर तहसीलदार सदर को निर्देशित किया कि मौके पर निगरानी बनाये रखेंगे तथा सम्ब्न्धित कार्मिक को तैनात करेंगे।
मालदेवता प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण करते हुए जिलाधिकारी सेरकी गांव पंहुची जहां उन्होने अतिवृष्टि से हुई क्षति का जायजा लेते हुए जहां उन्होंने अतिवृष्टि से हुई क्षति का जायजा लेते हुए, गांव के उपरी छोर पर पंहुची जहां पर से वर्षा के पानी से हुए नुकसान का निरीक्षण करते हुए सरेकी गावं पंहुचकर अतिवृष्टि से घरों में घुसे मलबा का अवलोकन करते हुए प्रभावित परिवारों का हॉलचाल जाना।
ग्रामीण महिलाओं ने जिलाधिकारी को वर्षा के दौरान गदेरे से आने वाले पानी की निकासी हेतु ठोस कार्यवाही करने का अनुरोध किया। जिस पर जिलाधिकारी ने मौके पर उपस्थित सिंचाई विभाग एवं सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित किया कि तटीय क्षेत्र से लेकर उपरी क्षेत्र तक पानी की निकासी हेतु कार्य किया जाए। उन्होंने गदेरे से आए मलबे को युद्धस्तर पर कार्य करते हुए मलबा हटाने के निर्देश दिए ताकि आवासीय परिसर को किसी प्रकार का नुकशान न हो वहीं तहसीलदार को निर्देशित किया कि सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए वर्षा के दौरान निगरानी हेतु कार्मिक तैनात किया जाए साथ ही गांव हुई क्षति का आकलन करने तथा नियमानुसार कार्यवाही करने के निर्देश दिए।
वहीं उन्होंने मौके पर उपस्थित नगर मजिस्टेªट देहरादून को निर्देशित किया कि प्रभावित क्षेत्र में रेखीय विभाग को अपने-अपने विभागों से सम्बन्धित कार्यों को त्वरित सम्पादन हेतु समन्वय करते हुए मॉनिटिरिंग करने के निर्देश दिए।
इसके उपरान्त जिलाधिकारी सोनिका ने अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्र सिरवालगढ का निरीक्षण किया। जहां लगभग 02 किमी पैदल निरीक्षण करते हुए ग्रामीणों के साथ प्रत्येक स्थलों का जायजा लेते हुए गांव के उपरी छोर पंहुची, जहां से अतिवृष्टि के दौरान भू-कटाव हुआ तथा ग्रामीणों का खेत, रास्ता, नाले में बने सड़क के पुल के ठीक सामने से आए मलबा डम्प होने से नाले के पानी का रूख सड़क एवं आबादी, खेंतो की तरफ आया, जिससे सड़क एवं फसलों को क्षति हुई है।
जिलाधिकारी ने मौके पर उपस्थित अधिकारियों को क्षेत्र में आवागमन की सुगम सुविधा बनाने हेतु युद्धस्तर पर कार्य करने के निर्देश दिए साथ ही नाले के पानी की निकासी पानी के प्राकृतिक मार्ग पर करने हेतु मशीनों के माध्यम से तेजी से कार्य करने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने यह भी निर्देशित किया कि प्रभावित क्षेत्र में आपदा को दृष्टिगत रखते हुए त्वरित कार्य सम्पादित करेंगे, जनमानस को किसी प्रकार की असुविधा न हो इसका ध्यान रखेगें। प्रभावित क्षेत्र में किसी प्रकार का जानमॉल की क्षति नहीं हुई है।
निरीक्षण के दौरान नगर मजिस्टेट प्रत्युष सिंह, उप जिलाधिकारी सदर हरिगिरि, अधीक्षण अभियन्ता सिंचाई संजय राज, अधि.अभि.सिंचाई दिनेश उनियाल, तहसीलदार सदर विवेक राजौरी, सहित लोनिवि, सिंचाई एवं सम्बन्धित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।